Bharatvasiyo
Ab aap se kya kahen...
Wednesday, August 24, 2016
कविता-"गलियां"
गाँव की कच्ची गलियाँ
अब सड़कें बन गईं
कुत्तों और बच्चों को छोड़कर
सब खुश हैं !
-हरीश हैरी
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