Saturday, November 17, 2012

लघुकथा-"टैम"

"भाई जी के काम पुळा राख्यो है?"
"किं कोनी,बैहलो ही हूँ।"
"तो कदैई घरै पधारो,बात-बतळ करां।"
"अब थानै के बतावां...टैम ई कोनी!"
-हरीश हैरी

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