Bharatvasiyo
Ab aap se kya kahen...
Wednesday, October 29, 2014
राजस्थानी कविता-"पोती"
माऊ आखै साल
पीपळ में
घाल्यो पाणी
कुत्तियां नै देंवती
नित रोटी
गायां नै चरांवती
हरमेस हरयो नीरो
भोत रटती ठाकुरजी नै
भगवान राजी होय'र
पोती दे दीनी
दो साल री पोती
दादी री
आंख्यां बणगी !
-हरीश हैरी
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